बौद्ध संस्कार: लड़कियां सिर्फ खाना बनाने के लिए नहीं होती

बौद्ध संस्कार: लड़कियां सिर्फ खाना बनाने के लिए नहीं होती

Status of women in india इस Artical में महिलाओं की Life के बारे में कुछ विचार व्यक्त किये गए हैं Short में कहें तो "माँ बेटी बहन और पत्नी" एक ही Life में कई रूप में Convert होने के बावजूद भी उनकी Personal life और feelings पर बहुत कम लोग Care करते हैं, अभी भी हमारे समाज में कुछ भ्रांतियां हैं, कुछ Point's हैं जिन पे विचार ज़रूर करना चाहिए !जैसे!


लड़कियां बस खाना बनाने के लिए होती हैं :- यह सोच तो बिलकुल भी सही नही की लड़कियां बस खाना बनाने घर का काम करने के लिए ही बनी होती हैं, इस वजह से उन्हें Respect नहीं मिल पाता और न ही कोई जल्दी उनके बारे में सोचता है, इन्ही सब चर्चाओ को इस पोस्ट में लिखने का उद्देश्य है ताकि यह पोस्ट जहां भी लोगों तक पहुचें लोग इसे पढ़े और खुद के विचार में बदलाव लायें, (Status of women in india) 
 
जब अपने पराये हो जाते हैं :- एक लड़की की जब शादी होती है उसकी Life के सबसे Importent लोग माँ बाप भाई बहन सब हमेशा के लिए पराये हो जाते हैं, यह लड़कियों की Life के सबसे Pain full Stage होता है जो सिर्फ लड़कियां ही सहन कर सकती है।
 
चुनौतीयों से भरा नया पारिवारिक संस्कार:- वैसे तो लड़कियों की Challenging Life होती ही है, पर सबसे बड़ा Challeng उस वक़्त होता है जब शादी होती है, क्योंकि सीखने की Process बचपन से बड़े होने तक चलती यह बात Medical Science भी मानता है, जो बच्चे बचपन से घर में सीखते हैं, वो पूरा जीवन उसे follow करते हैं ठीक वैसे लड़कियां भी वयस्क होने तक एक पारिवारिक संस्कार में ढल चुकी होती हैं, इसके बाद लड़की एक परिवार से दूसरे परिवार एक संस्कार से दूसरे संस्कार में Entrey करना फिर वह पे ससुराल का Culture सीखना उसे follow करना और सबकी पसंद न पसंद जानना बहुत Challenging है फिर भी वह अच्छे से निभाती है। 

कुछ लोग आज भी पुराने सोच में जी रहे हैं:- जब लड़की पैदा हुई उसी दिन से ज्यादातर माता-पिता दहेज़, शादी, आगे का वंश, जैसी Tension से परेशान हो जाते हैं, हम तेज़ी से Grow कर रहे हैं, Internet 4G 5G का ज़माना है फिर भी कुछ लोग 1920 वाली सोच लिए बैठे हैं, Mostly Rural Areas में आज भी लोगों की सोच यही है की लड़कियों को पढ़ा-लिखा कर क्या होगा उन्हें शादी कर के दूसरों के घर जाना है।
 
वो लड़की जिसकी लाइफ कभी बिंदास थी :- स्कूल में दोस्तों के साथ मस्ती करती, पार्टी करती B’day celebrait करती थी शादी के बाद सब भूल कर ससुराल का घर सम्हालती है, एक लड़की जो जीन्स टॉप पहन कर फ़र्राटे से स्कूटी चलाती थी, वही शादी के बाद घूँघट में पति के बाइक पर पीछे वाली सीट पर बैठना सीख लेती है, वही लड़की जो Friends की पार्टी में जाती मस्ती करती घूमने Trip पे जाती  वही शादी के बाद हफ़्तों-महीनों घर के अन्दर कर रहना सीख जाती है, अगर खुदकी लड़की जीन्स-टॉप पहने तो में सब मॉडर्न, But अगर बहु ससुराल में पहने तो बदचलन!


मुसीबत की घडी में सबका साथ देने वाली:- अगर ससुराल में किसी को तकलीफ़ होती है, तो बहु सबकी सेवा करे But अगर उसे कोई तकलीफ़ हुई तो किसी को कोई फर्क नही, सेवा करना सिर्फ़ बहु का ही फर्ज़ ये किसने ने कहा ! जब बीवी Husband की सेवा कर सकती है, सिर पैर दबा सकती है तो ये कहाँ लिखा है की अगर Wife तकलीफ में हो फिर भी Husband कोई कम नहीं कर सकता है, Basically लड़के भी काम करना कुछ न कुछ तो जानते ही हैं या फिर जब Boy's की जब हॉस्टल life होती है Mostly सारे कम रह कर सीख जाते हैं कपडे धोना खाना बनाना Room साफ़ करना etc but शादी के बाद ऐसा कौन सा Agreement है, की शादी के बाद सारे काम Wife हे करे Husband भी तो कर सकता है, रोज़ न सही कभी कभी तो कर ही सकता है, ताकि गर्ल्स भी महसूस करे की जिसे जीवन साथी बनाया हो सही Choice थी।

 

हमें सोच बदलाव लाने की ज़रूरत है :- सबसे पहले लड़कियों की शिक्षा पर ज़्यादा ज़ोर देना चाहिए, और यह बात दिमाग से निकालनी होगी कि लड़कियों को पढ़ा कर क्या होगा उन्हें शादी कर के दूसरों के घर जाना है, ऐसा नहीं है कि वे शादी के बाद माँ बाप को भूल जाती है, इसलिए शिक्षा मात्र एक ऐसा साधन है कि लड़कियां आज के दौर में हर Sector में जा सकती हैं, और जा चुकी हैं जब वह अपनी एक ज़िन्दगी के कई रूप "माँ, बेटी बहन और पत्नी" होने के बावजूद Life के Biggest changing को सम्हाल सकती हैं, तो  खुद को सम्हाल सकती हैं,  वह IAS PCS Doctor, Engineer भी बन सकती है, परिवार के साथ-साथ हमारे देश की भी सेवा करती हैं इसके ढेर सारे example आपके आस पास ही हैं, जिन्हें आप जानते भी हैं बहुत सी महिला शक्तियां हैं। महिला का सबसे बड़ा रूप माँ का होता है क्यूंकि माँ से बड़ा Sacrifice कोई नहीं कर सकता, Respect Women's.

 

नोट: इस लेख़ में मैंने अपना विचार व्यक्त किया है, किसी व्यक्ति विशेष की भावना को आहत करने का कोई उद्देश्य नहीं है यदि इससे जुड़ा आपका कोई व्यक्तिगत विचार या सुझाव है, तो कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं।

  9th September, 2023